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दस रुपये के सभी सिक्के असली हैं: रिजर्व बैंक







  देश में दस रुपये के अलग-अलग तरह के सिक्कों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं. ये समय-समय पर जारी किये गये अलग अलग डिजाइनों के सिक्के हैं.

बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में ‘10’ लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं. केन्द्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है.

 
आपको बता दें कि दस रुपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है.

केन्द्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में स्पष्ट किया गया कि दस रुपये के सभी सिक्के वैध हैं.

कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा, ‘‘भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है.’’ राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में दस रुपये के सिक्को को लेकर भ्रम की स्थिति है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं.

 
सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में ‘10’ लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है. लेकिन आरबीआई की ओर से जानकारी दी गयी है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था.
   आरबीआई ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने वक्त वक्त पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक थीम पर सिक्के जारी किए हैं और सिक्कों में 2011 में रुपये का चिन्ह शामिल करने के बाद बदलाव आया. सिक्के लंबे समय तक सही रहते हैं इसलिए यह मुमकिन है कि बाजार में अलग अलग डिजाइन और छवि के सिक्के हों, जिनमें बिना ‘रुपये’ के चिन्ह वाले सिक्के भी शामिल हैं. हालांकि आरबीआई ने किसी का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं.

तो अब शायद 10 मर्इ के बाद से रविवार को न मिले पेट्रोल

 पेट्रोल जीवन की ऐसी आवश्यकता बन गई है जिसके बिना जीवन के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता, और इसका एहसास पेट्रोल पंपों की हड़ताल के दौरान होता भी रहता है। लेकिन अब ऐसा काम होने जा रहा है 
 जिससे उपभोक्ताओं की तकलीफों में इज़ाफा होने जा रहा है। कंसोरटियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स यानी सीआर्इपीडी ने 10 मर्इ के बाद प्रत्येक रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने का ऐलान किया है। तेल कंपनियों की लगातार अनदेखी से गुस्साए कंसोरटियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स यानी सीआर्इपीडी ने 10 मर्इ के बाद प्रत्येक रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने का ऐलान कर दिया है।

यह फैसला रविवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित हुई सीआईपीडी की बैठक में लिया गया. नवंबर 2016 में मुंबई और मार्च 2017 में दिल्ली में तीनों तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में समस्याओं का समानाधान ने निकलने पर सीआईपीडी ने कुरुक्षेत्र में बैठक बुलाई थी। सीआईपीडी के राष्ट्रीय एडी सत्यानारायणन ने कहा कि साल 2011 से तेल कंपनियां पंप मालिकों को मार्जिन नहीं दे रही है, जिससे पंप संचालक घाटे में जा रहे हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने समय-समय पर मार्जिन दिए जाने की मांग की, लेकिन अधिकारी लगातार अनदेखी करते आ रहे हैं।

इतना ही नहीं यदि इसके बाद भी पेट्रोलियम कंपनियां इसके बाद भी उनकी सुध नहीं ली तो पेट्रोल पंपों को रात में भी बंद रखा जाएगा। इस फैसले के लागू होने के बाद देशभर में करीब 53000 पेट्रोल पंपों पर केवल दिन के समय ही पेट्रोल और डीजल मिल सकेगा.उधर, ये निर्णय लागू होता है तो इससे सबसे ज्यादा मुश्किल आम लोगों को होगी। माना जा रहा है कि इससे पेट्रोल पंपों पर भीड़ तो बढ़ेगी ही साथ ही रविवार के दिन पेट्रोल या डीजल खत्म होता है तो उन्हें अगले दिन तक का इंतजार करना होगा। सीआर्इपीडी के इस निर्णय के बाद पेट्रोलियम कंपनियों की प्रतिक्रिया सामने नहीं आर्इ है।


टॉप 12 सर्च इंजन - जो न तो आपके द्वारा सर्च की गई बातों को स्टोर करते हैं और न ही ट्रैक

 आमतौर पर हम जो भी पॉप्युलर सर्च इंजन इस्तेमाल करते हैं, वे सर्च की गई बातों को ट्रैक करते हैं, ताकि उसके हिसाब से ऐड वगैरह दिखा सकें। अगर आप चाहते हैं कि सर्च इंजन न तो आपकी हिस्ट्री स्टोर करे और न ही आपके द्वारा सर्च किया जाने वाला कॉन्टेंट तो आप प्राइवेट सर्च इंजन इस्तेमाल कर सकते हैं। बहुत से प्राइवेट सर्च इंजन ऐसे हैं, जो न तो आपके द्वारा सर्च की गई बातों को स्टोर करते हैं और न ही आपको ट्रैक करते हैं।

हम आपके लिए 12 ऐसे सर्च इंजन लाए हैं, जो सिक्यॉरिटी और प्रिवेसी दोनों का ख्याल रखते हैं। हो सकता है कि आपको इनका इंटरफेस देखने में अच्छा न लगे, मगर सेफ्टी चाहिए तो थोड़ा बहुत समझौता तो करना ही पड़ेगा। नीचे  देखें...

1.Privatelee

 

प्राइवेट ली की 'पावरसर्च' कमांड्स से आप अपना सर्च सोर्स व अन्य चीजें चुन सकते हैं। इसका एक और नाम Qrobe.it भी है।

2 .Oscobo




​ यह सर्च इंजन किसी भी तरह का डेटा स्टोर नहीं करता और न ही थर्ड पार्टी को यूजर्स का डेटा इस्तेमाल करने देता है।



3 . Lukol


यह गूगल के कस्टमाइज्ड सर्च रिजल्ट दिखाने के लिए प्रॉक्सी सर्वर इस्तेमाल करता है। इसे बेस्ट प्राइवेट सर्च इंजन्स में से एक माना जाता है। यह ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों और स्पैमर्स को दूर रखता है। आपके सर्च भी गुप्त रहते हैं।



4 . WolframAlpha


यह कंप्यूटेबल सर्च इंजन है, जो सटीक जवाब ढूंढता है। यह भी आपके द्वारा सर्च किए गए कॉन्टेंट को स्टोर नहीं करता और न ही कुछ ट्रैक करता है। यह प्राइवेट सर्च इंजन इनबिल्ट ऐल्गॉरिदम्स से कैलकुलेशन करता है और लोगों, हेल्थ, फिटनस, म्यूजिक और मूवीज़ वगैरह के बारे में एक्सपर्ट नॉलेज शो करता है।



5. Hulbee


यह सर्च इंजन भी आपके सर्च या लोकेशन हिस्ट्री को ट्रैक किए बिना इंटेलिजेंट इन्फर्मेशन देता है। आपके सर्च को सिक्यॉरिटी के लिए एनक्रिप्ट किया जाता है।

6. MetaGer


​यह सर्वर भी गोपनीय सर्च में आपकी मदद करता है। यह प्रॉक्सी सर्वर को इस्तेमाल करता है और डेस्टिनेशन सर्वर से आपके आईपी को छिपाए रखता है। इसकी डिफॉल्ट लैंग्वेज जर्मन है।



7. Yippy


इसकी मदद से आप रिजल्ट को मैन्युअली फिल्टर कर सकते हैं और किसी खराब रिजल्ट को फ्लैग कर सकते हैं। इस पर आप वेब, तस्वीरें, न्यूज, ब्लॉग्स और सरकारी डेटा वगैरह को सर्च कर सकते हैं। इसपर आप गूगल की ही तरह कैश्ड पेज (Cached page) देख सकते हैं।



8. Startpage


स्टार्टपेज प्रॉक्सी सर्वर के जरिए ब्राउजिंग का ऑप्शन देता है, जिससे वेबसाइट्स आपका आईपी अड्रेस या लोकेशन ट्रैक नहीं कर पातीं। इसे आप अपने ब्राउजर में ऐड कर सकते हैं तो कलर थीम्स भी चुन सकते हैं।



9. Disconnect Search


डिस्कॉनेक्ट सर्च दरअसल गूगल, बिंग और याहू जैसे बड़े सर्च इंजन्स से सर्च में मदद लेता है, मगर आपके ऑनलाइन सर्च या आईपी अड्रेस को ट्रैक नहीं करता। इससे आप लोकेशन के आधार पर सर्च कर सकते हैं।



 10. DuckDuckGo


यह सबसे सिक्यॉर सर्च इंजन्स में से एक है। यह आपके द्वारा सर्च की गई चीज़ों को कभी ट्रैक नहीं करता। यह बिना ऐप के तुरंत रिजस्ट दिखाता है। इसमें एक दिन में 10 करोड़ सर्च होते हैं।


11. Gibiru


यह भी पूरी तरह से अनसेंसर्ड मगर एनक्रिप्टेड सर्च इँजन है, जिसमें किसी भी थर्ड पार्टी डेटा लीक होने की गुंजाइश नहीं है। यह अन्य कई प्राइवेट सर्च इंजन्स से तेज चलता है, क्योंकि यह गूगल कस्टम सर्च को इस्तेमाल करता है। हालांकि यह गूगल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी ट्रैकिंग मेथड्स को हटा देता है।



12. Gigablast


इसने अरबों वेब पेज इंडेक्स किए हैं और आपके ऑनलाइन सर्च को ट्रैक किए बिना तुरंत रिजल्ट दिखाता है। इसे भी बेस्ट प्राइवेट सर्च इंजन्स में शुमार किया जाता है।

गूगल प्ले म्यूज़िक पर अब गाने करें स्ट्रीम, 15 दिन के लिए सर्विस मुफ्त



गूगूल ने भारत में अपनी सब्सक्रिप्शन आधारित म्यूज़िक स्ट्रीमिंग सर्विस प्ले म्यूज़िक की सभी सेवाओं को भारत में लॉन्च कर दिया है। इसका मतलब है कि, अब गूगल प्ले म्यूज़िक पर भी स्पॉटिफाई और ऐप्पल म्यूज़िक की तरह लाखों गानों का एक्सेस मिलेगा। गूगल प्ले म्यूज़िक ऑल एक्सेस एंड्रॉयड, आईओएस और वेब पर उपलब्ध है। 

गूगल प्ले म्यूज़िक ऑल एक्सेस सब्सक्रिप्शन की कीमत की बात करें तो, गूगल ने अभी लॉन्च ऑफर पेश किया है। यह सर्विस अभी 89 रुपये प्रति माह (30 दिन का मुफ्त ट्रायल) पर उपलब्ध होगी, अगर आप अगले 45 दिनों के अंदर साइन अप करते हैं तभी। अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली है कि इस अवधि के खत्म होने के बाद सब्सक्राइबर को किस कीमत पर सेवाएं मिलेंगी।

अगर आपको लगता है कि आपने पहले भी इस बारे में सुना है, तो वह गूगल प्ले म्यूज़िक है। यह ऐप्पल की आईट्यून्स स्टोर की तरह है, जिसे भारत में पिछले साल लॉन्च किया गया था। लेकिन तब यह सिर्फ खरीदारी तक ही सीमित थी। यानी हर गाने के लिए 15 रुपये जबकि एलबम के लिए 100 रुपये देने पड़ते थे।

अब, गूगल के लाइसेंस वाला पूरा म्यूज़िक कलेक्शन- करीब 35 मिलियन गाने, बेहद आकर्षक दामों पर ऑफलाइन स्ट्रीमिंग या डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है। गूगल, अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी ऐप्पल म्यूज़िक के भारत में 120 रुपये की तुलना में कम दामों पर फिलहाल सर्विस दे रहा है।

गूगल प्ले म्यूज़िक पर आप 50,000 तक गाने अपलोड भी कर सकते हैं वो भी बिना कोई शुल्क दिए। इसके लिए आपको सिर्फ एक गूगल अकाउंट की जरूरत होगी।

गूगल अपने यूज़र को मुफ्त रेडियो सेवा भी ऑफर कर रहा है, जिसमें मूड, एक्टिविटी और सिचुएशन के हिसाब से प्लेलिस्ट मिलती है। सिचुएशन प्लेलिस्ट आपकी लोकेशन को एक्सेस करके काम करती है चाहें आप दफ्तर, घर या कहीं यात्रा कर रहे हों। अगर आपने गूगल अकाउंट में लोकेशन हिस्ट्री टर्न ऑन कर रखी है, तो यह काम करने लगेगी।

ऐप्पल म्यूज़िक को भारत में लॉन्च हुए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। इसके अलावा, इसमें तीन महीने का मुफ्त ट्रायल पीरियड भी मिलता। 190 रुपये में एक फैमिली प्लान उपलब्ध है। फिलहाल, प्ले म्यूज़िक में इस तरह का कोई फैमिली प्लान नहीं पता चला है।

अभी गूगल द्वारा इस सर्विस की घोषणा की जाना बाकी है। गूगल इंडिया के एक प्रवक्ता ने गैज़ेट्स 360 के साथ बातचीत में पुष्टि करते हुए बताया कि प्ले म्यूज़िक सूट को भारत में सभी यूज़र को रोल आउट किया जा रहा है।

सर्विस का मज़ा लेने के लिए आप प्ले म्यूज़िक वेबसाइट पर जा सकते हैं, या प्ले स्टोर व ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल अकाउंट को एक बार साइनइन करने के बाद, आपको एक स्क्रीन दिखेगा। जिस पर आपको अपनी पसंद का म्यूज़िक जैसे बंगाली, गुजराती, हिंदी, पंजाबी और वर्ल्ड का विकल्प मिलेगा। अपना विकल्प चुनने के बाद, प्ले म्यूज़िक आपके सामने मशहूर कलाकारों के गाने पेश करेगा, आप अपनी पसंद के मुताबिक उन्हें प्ले कर सकते हैं।

स्ट्रीमिंग सर्विस के साथ थोड़े समय में हमने पाया कि, गूगल ने इस कस्टमाइज़ेशन के साथ बहुत ज़्यादा बेहतर काम नहीं किया है। कई इंटरनेशनल कलाकारों को चुनने के बावज़ूद, हमें बहुत सारे बॉलीवुड और दूसरे भारतीय कलाकारों के विकल्प दिे। इस जगह, पर ऐप्पल म्यूज़िक बेहद अच्छे से काम करता है। उम्मीद है कि समय के साथ प्ले म्यूज़िक ज्यादा बेहतर बनेगा।

एंड्रॉयड फोन या टैबलेट पर ऑटोमैटिक ऐप अपडेट को एक्टिव और बंद करने का तरीका


आपके फोन या टैबलेट में जितने ज़्यादा ऐप होंगे, उन्हें अपडेट रखने की टेंशन और भी ज़्यादा होगी। ज़्यादातर समय डेवलपर मामूली कमियों के लिए भी अपडेट ज़ारी करते हैं। इनमें से कई अपडेट बहुत ज़्यादा ज़रूरी नहीं होते।

अब आप लाइफ में इतने भी खाली नहीं हैं कि हर बार अपडेट का खास ख्याल रखेंगे। इसलिए एंड्रॉयड में आपको गूगल प्ले पर एक डिफॉल्ट विकल्प मिलता है जिसकी मदद से सिर्फ वाई-फाई नेटवर्क रहने पर ऐप अपने आप अपडेट होता है।

लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप ऐप को नहीं अपडेट करना चाहते हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। ऐप्पल ऐप स्टोर से उलट प्ले स्टोर में यूज़र को ऑटो अपडेट पर फैसले लेने की ज़्यादा सुविधा होती है।

एंड्रॉयड पर किसी खास ऐप पर ऑटोमैटिक अपडेट बंद करने का तरीका
आपको ऑटो अपडेट पसंद है, लेकिन चुनिंदा ऐप को अपडेट होने से रोकना चाहते हैं तो उसका तरीका यह है। किसी ख़ास ऐप के लिए ऑटोमैटिक अपडेट बंद करने की सुविधा।

1. गूगल प्ले स्टोर खोलें।
2. टॉप में बायीं तरफ दिख रहे हैमबर्गर आइकन को टच करें। इसके बाद माय ऐप्स या गेम्स को चुनें। इसके बाद स्वाइप अप करके अपने पसंद के ऐप को चुनें। आप चाहें तो सर्च आइकन के ज़रिए ऐप के नाम टाइप कर उन्हें खोज भी सकते हैं।
3. ऐप पेज पर पहुंचने के बाद दायीं तरफ टॉप में दिख रहे तीन डॉट पर क्लिक करें।
4. इसके बाद ऑटो अपडेट को अनचेक कर दें।

बस हो गया। इसके बाद वो ऐप अपने आप कभी भी अपडेट नहीं होगा। अगर आप ऐप को अपडेट करना चाहते हैं तो एक बार फिर प्ले स्टोर में जाकर अपडेट के लिए पर्मिशन देना होगा। बाकी ऐप अपने आप अपडेट होते रहेंगे।

एंड्रॉयड पर सभी ऐप के ऑटोमैटिक अपडेट को बंद करने का तरीका
1. गूगल प्ले स्टोर को खोलें।
2. बायीं तरफ दिख रहे आइकन पर क्लिक करें। इसके बाद ऊपर की तरफ स्वाइप करके सेटिंग्स को चुनें।
3. अब जनरल के अंदर ऑटो अपडेट ऐप्स पर टैप करें।
4. इसके बाद पहले विकल्प Do not auto-update apps को चुनें।

ऐसा करने के बाद एक भी ऐप अपने आप अपडेट नहीं होगा। अगर आप चाहें तो फिर गूगल प्ले स्टोर में जाकर ऑटो अपडेट विकल्प को एक्टिव कर सकते हैं।

अगर आपके पास अनलिमिटेड डेटा प्लान है तो आप सेल्युलर डेटा पर भी ऑटो अपडेट को एक्टिव कर सकते हैं।

एंड्रॉयड पर ऑटो अपडेट को एक्टिव करने का तरीका
1. गूगल प्ले स्टोर खोलें।
2. बायीं तरफ टॉप में दिख रहे आइकन पर टैप करें। ऊपर की तरफ स्वाइप करके सेटिंग्स को चुनें।
3. जनरल सेक्शन के अंदर ऑटो अपडेट ऐप्स को चुनें।
4. अगर आप सिर्फ वाई-फाई पर अपडेट करना चाहते हैं तो तीसरे विकल्प को चुनें- Auto-update apps over Wi-Fi only.
5. अगर आप किसी भी वक्त अपडेट चाहते हैं तो दूसरे विकल्प को चुनें: Auto-update apps at any time.

याद रहे कि दूसरे विकल्प में अपडेट सेल्युलर डेटा में भी डाउनलोड होगा, यानी असर आपके मोबाइल डेटा बिल पर पड़ेगा। इस विकल्प को चुनने से पहले एक बार फिर सोच लें।

बिना डाटा डिलीट या फॉर्मेंट किए ऐसे फोन की स्पीड को बढ़ाएं


स्मार्टफोन तो सभी इस्तेमाल करते हैं, कुछ लोग तो एक ही स्मार्टफोन को बरसों तक इस्तेमाल करते रहते हैं। ऐसे में जाहिर है की स्मार्टफोन में खराबी भी आती ही होगी। अगर आपका स्मार्टफोन भी एक साल से ज्यादा पुराना हो गया है तो आपने महसूस किया होगा की वो अब धीमा चलने लगा है। हालांकि, धीमे एंड्रायड फोन को तेज करने के लिए आप जंक फाइल्स को डिलीट करते होंगे, कैशे मैमोरी को खाली करते होंगे या फिर फोन को रीबूट करते होंगे।

हम आपको बता दें की इन सब तरीकों से भी आपका फोन तेज नहीं होगा। इसी के चलते हम आपके लिए लाएं हैं एक ऐसा कारगर तरीका जिसके जरिये आप अपने पुराने स्मार्टफोन को सुपरफास्ट बना सकते हैं।

1. इसके लिए आपको सबसे पहले फोन के एनिमेशन लेंथ को डिसेबल करना होगी।

2. आपको बता दें की हर एंड्राइड स्मार्टफोन में एनिमेशन लेंथ जैसा एक फीचर छुपा होता है जिसे ऑन करने के लिए आपको डेवेल्पर्स ऑप्शन को ऑन करना होगा।

डेवेल्पर्स ऑप्शन को कैसे करें ऑन

1. सबसे पहले आप अपने स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाइये।

2. यहां आपको कुछ ऑप्शन मिलेंगे जिसमें से आपको about phone को सेलेक्ट करना है।

3. इसके बाद नीचे की तरफ आपको build number का ऑप्शन मिलेगा। इस पर आपको करीब 6-7 बार क्लिक करना होगा जिसके बाद आप के फोन पर एक मैसेज आ जाएगा की डेवलपर्स ऑप्शन ऑन कर दिया गया है।

4. इसके बाद जब आप सेटिंग्स में जाएंगे तब वहां आपको डेवलपर्स ऑप्शन का विकल्प मिलेगा।

एनिमेशन को डिसेबल करने का तरीका

1. इसके लिए आपको सबसे पहले डेवेल्पर्स ऑप्शन को ऑन करना होगा

2. इसके बाद आपके फोन की स्क्रीन पर कुछ ऑप्शन्स आएंगे उनमे से आपको एनिमेशन ड्यूरेशन स्केल पर क्लिक करना है।

3. इसके बाद कुछ ऑप्शन्स और आएंगे उनमें से स्क्रीन एनीमेशन को कम करते हुए ऑफ कर दें।

4. इसके बाद आप देख पाएंगे की आपके स्मार्टफोन की स्पीड तेज हो गयी है और इसके साथ ही फोन की परफोर्मेंस भी ठीक हो जाएगी।

वाइ-फाइ पासवर्ड हैक करके ले फ्री इंटरनेट मज़ा


आज के समय में इंटरनेट एक बड़ी जरुरत बन चुका है। लगभग हर काम इंटरनेट के जरिए किया जा सकता है। इंटरनेट का एक बड़ा माध्यम वाइ-फाइ भी है। अगर आपको कहीं फ्री वाइ-फाइ का एक्सेस मिले और आपके पास पासवर्ड न हो, तब आप क्या करते हैं? फ्री वाइ-फाइ का इस्तेमाल हर कोई करना चाहता है, लेकिन उसका पासवर्ड पता लगाना बेहद मुश्किल होता है। इस मुश्किल काम को आसान करने के लिए डेवलपर्स ने कई एप बनाई हैं, जिनके जरिए किसी भी वाइ-फाइ पासवर्ड का पता लगाया जा सकता है। ऐसी ही एक एप WPSPIN है।

ऐसे करें वाइ-फाइ पासवर्ड हैक:

1. इसके लिए आपको सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से WPSPIN एप डाउनलोड कर इंस्टॉल करनी है।

2. इंस्टॉल होने के बाद एप को ओपन करें।

3. यह एप अपने आप ही WPS वायरलैस नेटवर्क को ढूंढ लेगी।

4. अब जिस भी वाइ-फाइ के पासवर्ड को आप हैक करना चाहते हैं उसपर क्लिक कर दें।

5. क्लिक करते ही आपके पास 8 नंबर का पिन आएगा उसे नोट करें।

6. इसके बाद अपना लैपटॉप ओपन करें। अब लैपटॉप में वाइ-फाइ ऑन कर 8 नंबर का पिन डालें, जो आपने नोट किया है।

7. इसके बाद आप वाइ-फाइ चला पाएंगे।

8. ये तरीका सिर्फ WPS वाले राउटर में ही काम कर सकता है।

 


क्या है WPS राउटर?


WPS का मतलब Wi-Fi Protected Setup है। ये एक ऐसा वायरलैस नेटवर्किंग स्टैंडर्ड है जो राउटर और वायरलैस डिवाइस को आसानी से कनेक्ट कर देता है। ये WPA पसर्नल या WPA2 पसर्नल सिक्योरिटी के वायरलैस नेटवर्क के लिए ही काम करता है। एक सामान्य सेटअप में यूजर तब तक वायरलैस डिवाइस से कनेक्ट नहीं कर सकता है जब तक उसे वायरलैस नेटवर्क का नाम और सिक्योरिटी पासवर्ड न पता हो।

कैसे अपने कम्प्यूटर का फोल्डर हाईड करे-देखिये आसान तरीका

 हर यूजर अपनी अहम फाइल्स और फोल्डर्स को कंप्यूटर में हाइड करके रखते हैं जिससे उसे कोई देख न पाए। अगर आप विंडो यूजर हैं तो आपको फाइल और फोल्डर को हाइड करना आता ही होगा। लेकिन कभी-कभी हर फाइल-फोल्डर को हाइड करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हम आपके लिए एक तरीका लाएं हैं जिससे आपकी सभी फाइल्स और फोल्डर्स एक-साथ हाइड किए जा सकते हैं। कंप्यूटर की ड्राइव को हाइड कर ये काम संभव है। कंप्यूटर की ड्राइव को हाइड करने से कोई भी आपकी अहम फाइल्स को हानि नहीं पहुंचा पाएगा। आपको महज अपनी सभी अहम फाइल्स और फोल्डर्स को किसी भी एक ड्राइव में सेव करना है और इसके बाद निम्न स्टेप्स को फॉलो करना है।

विंडो 8/10 में ड्राइव को कैसे करें हाइड:

1. आपको सबसे पहले डिस्क मैनेजमेंट पर जाना होगा। इसके लिए आपको My Computer पर राइट क्लिक करना है। इसके बाद जो भी ऑप्शन आएंगे उसमें Manage को क्लिक करें। आपके पास कुछ ऐसी विंडो ओपन होगी।

2. इसके बाद लेफ्ट साइड में जो ऑप्शन आ रहे होंगे उसमें से Storage पर डबल क्लिक करना है।

3. फिर आपको Disk Management Snap-in पर डबल क्लिक करना है।

4. अब आपको कंप्यूटर की सारी ड्राइव दिखाई देंगी। जिस भी ड्राइव को आप हाइड करना चाहते हैं उसपर राइट क्लिक करें।

5. इसके बाद जो ऑप्शन आएंगे उसमें से Change Letter and Paths पर क्लिक करे Remove बटन पर टैप करें।

6. अगर आपसे कंफर्मेशन के लिए पूछा जाए तो आप Yes पर क्लिक कर दें। आपकी ड्राइव हाइड हो जाएगी



ग्रुप पॉलिसी के जरिए ड्राइव को कैसे करें हाइड:


1. इसके लिए win+R करें और gpedit.msc टाइप का एंटर प्रेस करें। इसके बाद User Configuration/Administrative Templates/Windows Components/File Explorer इन सेटिंग्स को फॉलो करें।

2. इसके बाद Hide these specified drives in My Computer पर डबल टैप करें और इसे Enable कर दें।

3. जो ड्रॉप डाउन मेन्यू आएगा उसमें जो ड्राइव हाइड करनी है उसे सेलेक्ट करें।

 

ग्रुप पॉलिसी के जरिए ड्राइव को कैसे करें हाइड:

1. इसके लिए win+R करें और gpedit.msc टाइप का एंटर प्रेस करें। इसके बाद User Configuration/Administrative Templates/Windows Components/File Explorer इन सेटिंग्स को फॉलो करें।
2. इसके बाद Hide these specified drives in My Computer पर डबल टैप करें और इसे Enable कर दें।
3. जो ड्रॉप डाउन मेन्यू आएगा उसमें जो ड्राइव हाइड करनी है उसे सेलेक्ट करें।
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टि्वटर लाइट लांच - कम डाटा खर्च करके ले टि्वटर का मज़ा


विश्व की अग्रणी माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर ने गुरूवार को कम डाटा खर्च करने वाले और धीमे नेटवर्क पर भी तेज काम करने वाले वर्जन टि्वटर लाइट को भारत में लांच कर दिया। टि्वटर ने अपने इस नए वर्जन के लिए वोडाफोन को वैश्विक साझेदार बनाया है। 

     टि्वटर लाइट मोबाइल डाटा पर चलने वाला ऎसा वर्जन है, जो पहले की अपेक्षा 30 फीसदी तेजी से काम करेगा और 70 फीसदी कम डाटा खर्च करेगा। हालांकि इसके लिए डाटा सेवर मोड ऑन करना होगा और यह वर्जन मोबाइल डाटा का एक एमबी से भी कम डाटा खर्च करेगा। टि्वटर की ओर से टि्वटर एशिया पैसिफिक के प्रबंध निदेशक माया हरि के हवाले से कहा गया है,टि्वटर के इस लाइट वर्जन के साथ हम भारत के अपने बेहद उत्साही उपयोगकर्ताओं को पहले से कहीं बेहतर टि्वटर अनुभव प्रदान करना चाहते हैं। इसके जरिए हम देश के बडे शहरों से बाहर निकलकर छोटे शहरों के उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बनाएंगे, जो उन्हें यह देखने में मदद करेगा कि शेष दुनिया में क्या हो रहा है। 

       टि्वटर लाइट के पहले वैश्विक साझेदार के तौर पर वोडाफोन देश में शुरू हुए बेहद लोकप्रिय टी-20 लीग टूर्नामेंट आईपीएल के दौरान अपने ग्राहकों को समयबद्ध तरीके से çRकेट की खबरें मुहैया कराएगा। कंपनी का कहना है,अगर आपके मोबाइल का नेटवर्क थो़डी देर के लिए खत्म भी हो जाता है तो टि्वटर लाइट अपने ग्राहकों को ऑफलाइन सेवा मुहैया कराती रहेगी, जिससे कि वे थोडी देर के लिए भी टि्वटर से दूर नहीं रहेंगे। 

दुनिया की ये ‘डेथ सेंटर’ जेलें जहां एक-दूसरे को मारकर खा जाते हैं कैदी


 



डियारबाकिर जेल, तुर्की



तुर्की की इस जेल को सबसे ज्यादा मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में पहले नंबर पर रखा जाता है। इस जेल में कैदियों की मृत्यु दर दुनिया की सभी जेलों में दूसरे नंबर पर है। इस जेल पर दुनिया भर की निगाह तब गईं जब एक मानवाधिकार संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि साल 1981 से 1984 के बीच यहां 34 कैदियों की असामान्य परिस्थितियों में मौत हो गई। यहां कैदियों को मानसिक और शारीरिक यातनाएं देने के साथ ही उनका यौन शोषण भी किया जाता है।

टडमोर जेल, सीरिया

सीरिया की यह जेल ‘डेथ वारंट’ के नाम से जानी जाती है। इस जेल में कैदियों की मृत्यु दर सीरिया में सबसे ज्यादा है। यहां कैदियों को भीषण यातनाओं से गुजरना पड़ता है। कैदियों की पिटाई और खाना न देना यहां आम बात है। सबसे ज्यादा दिक्कत यहां के लोकल गैंग की मौजूदगी से होती है। साल 1980 में सीरिया के राष्ट्रपति हफेज अल असद के आदेश पर लगभग 2400 कैदियों को मार दिया गया था। 

 टेक्सास स्टेट पेनिटेन्शरी

यह अमेरिका की सबसे खतरनाक जेल है। पूरे अमेरिका से खतरनाक कैदियों को लाकर इस जेल में रखा जाता है। इस जेल में कई बार गैंगवार की घटनाएं भी देखने को मिलीं हैं। जेल में कैदियों की मृत्यु दर के मामले में भी यह जेल अव्वल है।

 ला सांते जेल, फ्रांस

ला सांते जेल फ्रांस की राजधानी पेरिस से कुछ मील की दूरी पर स्थित है। ये जेल ‘सुसाइड सेल’ के नाम से भी मशहूर है। साल 1867 में जब से इसे शुरू किया गया तब से ही यहां असामान्य परिस्थितियों में आत्महत्या करने के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं। साल 1999 में 124 कैदियों ने जेल के अंदर ही सुसाइड कर लिया। कुछ लोग इस जेल में बुरी आत्माओं के साए की बात भी कहते हैं।

 कैम्प 22, नॉर्थ कोरिया

यह जेल नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग इल के आदेश पर साल 1965 में बनी थी। इसमें 50 हजार से अधिक कैदी रहते हैं। यहां कोई भी क्राइम करने पर कैदियों की तीन पीढिय़ों को उम्रकैद की सजा भुगतनी पड़ती है। सरकार का मानना है कि इससे क्राइम की जड़ ही खत्म हो जाती है। ऐसा कहा जाता है इस जेल में कैदियों पर बॉयलोजिकल वेपन को टेस्ट किया जाता है।

गीतारामा सेंट्रल जेल, रवांडा

यह दुनिया की सबसे खतरनाक जेलों में से एक है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह जेल सुरक्षाकर्मियों नहीं बल्कि यहां मौजूद कैदियों की वजह से ही बदनाम है। यहां के बारे में मशहूर है कि कैदी इस जेल में एक-दूसरे को मारकर भी खा जाते हैं। इस जेल में कैदियों की क्षमता 600 है जबकि यहां 7 हजार से ज्यादा कैदी रखे गए हैं।

 अल हायर जेल, सऊदी अरब

इस जेल को मिडिल ईस्ट की सबसे खतरनाक जेल कहा जाता है। यहां कैदियों पर तरह-तरह के अत्याचार किये जाते हैं। टॉर्चर का विरोध करने वाले कैदियों को मार डालना यहां आम बात है। कहा जाता है कि टॉर्चर से तंग आकर साल 2002 में कुछ कैदियों ने इस जेल में आग लगा दी थी जिसमें 140 कैदी और 40 गार्ड मारे गए थे।

 ला साबानेटा, वेनेजुएला

वेनेजुएला की यह जेल अपने क्रूर कैदियों के लिए मशहूर है। यहां लगभग हर रोज हिंसा होती है और इस हिंसा में कैदी मारे भी जाते हैं। साल 1994 में इस जेल के अन्दर भीषण गैंगवार हुई थी जिसमें 100 कैदी मारे गए थे। खबरों के मुताबिक आज भी इस जेल में वेनेजुएला के सबसे बड़े गैंग का राज चलता है।

बेंगवेंग जेल, थाइलैंड

थाइलैंड की यह जेल ‘बैंकॉक हिल्टन’ के नाम से भी जानी जाती है। यहां कैदियों को कैमिकली भी टॉर्चर किया जाता है। यहां मृत्युदंड पाए हुए कैदियों को लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। मृत्युदंड के लिए यहां पहले सर काटने के तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाता था।

जानिए क्यों है इस लडकी की जीभ की कीमत करोडों में?


आपने बेशकीमती गहनों, कपडों और महंगे घरों के बारे में कई बार सुना होगा। आज आपको एक ऐसी युवती के बारे में बताने जा रहे है जिसकी जीभ की कीमत जानकर आपके होश उड जाएंगे। इस युवती की जीभ की कीमत है नौ करोड रुपए। चॉकलेट बनाने वाली मशहूर कंपनी कैडबरी ने हाल ही हायलेई कर्टिस नाम की एक लडक़ी की जीभ की यह कीमत लगाई है। कंपनी ने हायलेई कर्टिस की जीभ का करीब मिलियन पाउंड में बीमा कराया है।

जिसकी भारतीय रूपये में कीमत है 81,537,870.34 रुपये यानि लगभग नौ करोड़। कर्टिस कैडबरी की 300 लोगों की चॉकलेट टेस्टिंग टीम की सदस्य है।


कर्टिस चॉकलेट को परफेक्ट स्वाद के लिए चखने का काम करती हैं। इसीलिए चॉकलेट एक्सपर्ट कर्टिस के टेस्टबड्स का बीमा करवाया गया है। इसके चलते उन्हें सख्त हिदायत हैं की वो अपनी स्वाद इंद्रियों को नुकसान पहुंचाने वाला कोई काम नहीं करेंगी।
 


कर्टिस कैडबरी क अलावा बॉर्नविल चॉकलेट के लिए भी काम करती हैं। कर्टिस वहा भी एक चॉकलेट साइंटिस्ट हैं और चॉकलेट बनाने वाली कंपनियों के लिए नए-नए फ्लेवर्स और भविष्य की योजनाओं पर काम करती हैं।
कर्टिस का काम सिर्फ इतना ही नहीं है इसके अलावा क्वालिटी कंट्रोल में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 


कर्टिस की कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अगर फुटबाल प्लेयर अपनी टांगों का बीमा करवा सकते हैं तो,वे अपनी कर्मचारी की जीभ का बीमा क्यों नहीं करवा सकते जो उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अपनी जीभ के इस महत्वपूर्ण काम और बीमे के चलते कर्टिस को भी अपनी जीभ का खास ख्याल रखना होता है और खाने पीने की कई चीजों से पूरा परहेज करना होता है।
 

कर्टिस न तो बहुत गर्म चीजें खा सकती हैं जिनसे उनकी जुबान के चलने और टेस्टबड्स के आहत होने का खतरा हो, न वे तीखे मिर्च मसालेदार खाना खा सकती हैं जिनसे उनकी टेस्ट करने की क्षमता प्रभावित हो।
ऐसे ही बीयर, बिस्कुट,वाइन और टॉफी के स्वाद विशेषज्ञों को भी सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है।

क्यों ? इस मंदिर में प्रवेश करने से डरते है लोग

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हमारे देश में लोग आस्था पर बहुत विश्वास करते है। विशेषकर मंदिरों को लेकर तो लोग के मन में बडी श्रद्धा है। मंदिर को लेकर लोग में अनेक मान्यता प्रचलित है। आज आपको एक अनोखे मंदिर के बारे में बात रहे है जो घर की तरह नजर आता है। लेकिन इस मंदिर के पास पहुंच कर भी बहुत से लोग मंदिर में प्रवेश करने का साहस नहीं जुटा पाते हैं।
 


बहुत से लोग मंदिर को बाहर से प्रणाम करके चले आते हैं। इसका कारण यह है कि, इस मंदिर में धर्मराज यानी यमराज रहते हैं। संसार में यह इकलौता मंदिर है जो धर्मराज को समर्पित है। यह मंदिर देश की राजधानी दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर हिमाचल के चम्बा जिले में भरमौर नामक स्थान में स्थित है।
 

इस मंदिर में एक खाली कमरा है जिसे चित्रगुप्त का कमरा माना जाता है। चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो जीवात्मा के कर्मो का लेखा-जोखा रखते हैं। मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकडक़र सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं।
चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मो का पूरा ब्योरा देते हैं इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां पर यमराज कर्मों के अनुसार आत्मा को अपना फैसला सुनाते हैं। यह भी मान्यता है इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं।
यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नर्क में ले जाते हैं। गरूड़ पुराण में भी यमराज के दरबार में चार दिशाओं में चार द्वार का उल्लेख किया गया है।

लडक़ी का भूत बोला- ‘घर में दफन है मेरी लाश, मुझे निकालो’

          दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में एक नाबालिग लडक़ी का नरकंकाल उसके घर से बरामद हुआ है। डेढ़ साल पहले मौत को गले लगाने वाली लडक़ी को उसके परिजनों ने घर के अंदर ही कब्र खोदकर दफ्न कर दिया था। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बात की शिकायत पडोसियों ने इतना वक्त बीत जाने के बाद पुलिस से की।मामला फरीदाबाद के संतोष नगर का है। इस लडक़ी को उसके परिजनों ने करीब डेढ़ साल पहले घर में ही दफना दिया था। पड़ोसियों का कहना है कि मृतक लडक़ी का साया (भूत) पिछले काफी दिनों से उनको परेशान कर रहा था।    मृतक लडक़ी का यह साया पिछले डेढ़ साल से उन्हें डरा रहा था। यह साया उनसे कहता था, ‘मुझे घर के अंदर ही मेरे मां बाप ने दफना दिया है, मुझे बाहर निकालो।’ इसके बाद ही उन्होंने पुलिस को शिकायत की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे को खुलवाकर उसकी खुदाई कराई, जिसमें लडक़ी का नरकंकाल निकला। पुलिस ने इस नरकंकाल को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला सुसाइड का लग रहा है, लेकिन पुलिस की इस थ्योरी पर यह सवाल उठया जा रहा है कि मामला आत्महत्या का था, तो घरवालों ने लडक़ी के शव को घर में ही दफ्न क्यों कर दिया। इसकी सूचना तब पुलिस को क्यों नहीं दी गई? पुलिस के मुताबिक, लडक़ी ने 14 जुलाई 2015 को घर में ही सुसाइड कर लिया था। पुलिस का कहना है कि उसके परिजनों ने लोक-लाज के डर से घर में ही एक कमरे के अंदर कब्र खोदकर लडक़ी को उसमें दफना दिया था। पुलिस मामले में आगे की जांच के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस ने बताया कि लडक़ी के परिजनों को उसका नौकरी करना पसंद नहीं था, इसी के चलते उसने ख़ुमृतक लडक़ी का यह साया पिछले डेढ़ साल से उन्हें डरा रहा था। यह साया उनसे कहता था, ‘मुझे घर के अंदर ही मेरे मां बाप ने दफना दिया है, मुझे बाहर निकालो।’              इसके बाद ही उन्होंने पुलिस को शिकायत की। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे को खुलवाकर उसकी खुदाई कराई, जिसमें लडक़ी का नरकंकाल निकला। पुलिस ने इस नरकंकाल को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला सुसाइड का लग रहा है, लेकिन पुलिस की इस थ्योरी पर यह सवाल उठया जा रहा है कि मामला आत्महत्या का था, तो घरवालों ने लडक़ी के शव को घर में ही दफ्न क्यों कर दिया। इसकी सूचना तब पुलिस को क्यों नहीं दी गई? पुलिस के मुताबिक, लडक़ी ने 14 जुलाई 2015 को घर में ही सुसाइड कर लिया था।                  पुलिस का कहना है कि उसके परिजनों ने लोक-लाज के डर से घर में ही एक कमरे के अंदर कब्र खोदकर लडक़ी को उसमें दफना दिया था। पुलिस मामले में आगे की जांच के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस ने बताया कि लडक़ी के परिजनों को उसका नौकरी करना पसंद नहीं था, इसी के चलते उसने ख़ुदकुशी कर ली थी। लेकिन पड़ोसी इसे प्रेम प्रसंग का मामला बता रहे हैं।







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